👉 अगर यात्रा के दौरान किसी महिला को कोई भी समस्या होती है — अव्यवस्था, असुरक्षा या सहायता की आवश्यकता — तो वह इसी नंबर पर कॉल कर सकती है।
🎟️ 2. आरक्षित सीटें और प्राधान्यता
भारतीय रेलवे महिलाओं के लिए विशेष आरक्षित सीटों और बर्थ की व्यवस्था करती है:
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स्लीपर, 3AC और 2AC कोचों में महिलाओं को प्राथमिकता से सीटे/लोअर बर्थ दी जाती हैं।
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वरिष्ठ महिलाएँ (45+ साल), गर्भवती महिलाएँ और दिव्यांग यात्रियों को ऑटोमेटिक लोअर बर्थ मिल सकती
हैं, बर्थ उपलब्धता के आधार पर।
कुछ नियमों के तहत:
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मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में महिलाओं के लिए लेडीज़ कोटा भी होता है — आम तौर पर 6 बर्थ तक।
🚺 3. सीट बदलने का अधिकार
अगर कोई महिला यात्रि अपनी सीट पर सुरक्षित महसूस नहीं करती, तो उसने टीटीई (टिकट जांच अधिकारी) से सीट बदलने का अनुरोध करने का अधिकार है। नियम के अनुसार टीटीई को मदद करनी चाहिए।
🛏️ 4. बिना टिकट यात्रा के दौरान सुरक्षा
🏙️ 5. स्टेशन और ट्रेनों में अतिरिक्त उपाय
रेलवे और सुरक्षा बल मिलकर महिलाओं के लिए नीचे जैसे कदम उठा रहे हैं:
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मेल-एक्सप्रेस कोचों में HD CCTV कैमरे और पैनिक बटन लगाए जा रहे हैं।
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‘मेरी सहेली’ जैसी टीमों के ज़रिये भी महिलाओं को सुरक्षित सहायता उपलब्ध कराई जाती है।

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