हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि Indian Railways ने मोबाइल टिकटों के नियम में बड़ा बदलाव किया है। इसके अनुसार, अब अनारक्षित (जनरल) टिकट को सिर्फ मोबाइल स्क्रीन पर दिखाना ही पर्याप्त नहीं होगा और यात्रियों को टिकट की हार्ड कॉपी (प्रिंट-आउट) साथ रखना जरूरी बताया गया है।
🛤️ नया नियम क्यों लाया गया?
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, कुछ जगहों पर फर्जी टिकटों का मामला सामने आया है — खासकर अब AI तकनीक का इस्तेमाल करके नकली टिकट बनाए जा रहे हैं, जिनमें QR कोड और अन्य जानकारी असली जैसी दिखती है। ऐसे में सिर्फ मोबाइल स्क्रीन दिखाने पर कुछ नकली टिकट पकड़ में नहीं आ पाते हैं। इसीलिए रेलवे ने कहा है कि यात्रियों को अपने पास टिकट की छपी हुई कॉपी भी रखनी चाहिए।
🧑💼 टिकट जांच में क्या बदलाव होगा?
अब टिकट जांच करते समय टीटीई (Train Ticket Examiner) और स्टाफ:
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सिर्फ मोबाइल स्क्रीन दिखाने पर टिकट को पूरी तरह मान्य नहीं मानेंगे,
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वे टिकट की फिजिकल कॉपी भी देखना चाहेंगे, खासकर अनारक्षित टिकटों में,
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और शक होने पर टिकट के QR कोड, UTS नंबर जैसी चीज़ों की गहराई से जाँच करेंगे।
📌 किन टिकटों पर लागू रहेगा बदलाव?
हालांकि रिपोर्ट में यह खासतौर पर अनारक्षित (जनरल) टिकटों के बारे में बताया गया है, लेकिन इससे जुड़े अंतिम आधिकारिक निर्देश अभी स्पष्ट नहीं हैं कि यह नियम आरक्षित (reserved) टिकटों पर भी लागू होगा या नहीं। Reserved टिकट वैसे भी आमतौर पर पहले से प्रिंटेड या ई-टिकट के रूप में मान्य होते हैं।

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