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RAIL NEWS CENTER

Oct 10, 2025

35 interesting facts about India Railways

1. भारतीय रेल की ऐतिहासिक शुरुआत (16 अप्रैल 1853)

भारत में रेल सेवा की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई, जब देश की पहली यात्री ट्रेन बोरी बंदर (वर्तमान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई) से ठाणे के बीच चली। यह लगभग 33.6 किलोमीटर की दूरी तय करती थी। इस ट्रेन को तीन भाप इंजन — Sahib, Sindh और Sultan — खींच रहे थे। इसमें 14 डिब्बे थे, जिनमें लगभग 400 यात्री सवार थे। यह घटना इतनी ऐतिहासिक थी कि उस दिन बंबई में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था। यही यात्रा आगे चलकर भारत के आर्थिक और औद्योगिक विकास का आधार बनी।

2. एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क

1951 में राष्ट्रीयकरण (Nationalisation) के बाद से भारतीय रेल (Indian Railways) आज एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एकल प्रबंधन वाला नेटवर्क बन चुका है।
यह लगभग 65,000 मार्ग किलोमीटर (Route km) और 1,15,000 ट्रैक किलोमीटर (Track km) पर फैला है। प्रतिदिन लगभग 12,600 यात्री ट्रेनें चलती हैं, जो 7,172 स्टेशनों को जोड़ती हैं।
हर दिन लगभग 2.3 करोड़ यात्री यात्रा करते हैं — यानी भारत प्रतिदिन ऑस्ट्रेलिया की पूरी जनसंख्या को रेल द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है।

3. माल परिवहन का विशाल तंत्र (Freight Network)

भारतीय रेल प्रतिदिन 7,400 से अधिक मालगाड़ियाँ (Freight Trains) चलाती है, जो लगभग 30 लाख टन माल परिवहन करती हैं।
रेलवे हर वर्ष एक अरब टन से अधिक माल ढोने वाले चुनिंदा देशों — चीन, रूस और अमेरिका — की श्रेणी में शामिल है।
रेलवे के पास 2.39 लाख माल वैगन (Freight Wagons), 59,700 यात्री कोच (Passenger Coaches) और 9,500 से अधिक इंजन (Locomotives) हैं। यह प्रणाली देश की औद्योगिक रीढ़ (Industrial Backbone) कही जाती है।

4. पृथक रेल बजट की शुरुआत (Separate Railway Budget)

रेलवे बजट का इतिहास वर्ष 1920–21 में बनी एकवर्थ समिति (Acworth Committee) से जुड़ा है, जिसकी अध्यक्षता ब्रिटिश अर्थशास्त्री विलियम एकवर्थ ने की थी।
उनकी सिफारिश पर 1924 में रेलवे के वित्त (Railway Finances) को सामान्य सरकारी वित्त से अलग किया गया और रेलवे को अपनी अलग बजट प्रणाली दी गई। यह परंपरा 2016 तक जारी रही, जब रेलवे बजट को पुनः सामान्य बजट में विलय कर दिया गया।

5. आज़ादी के बाद रेलवे की भूमिका

स्वतंत्रता के बाद शुरुआती दशकों में रेलवे देश की मुख्य परिवहन प्रणाली थी। यह 75% यात्री परिवहन और 90% माल परिवहन का दायित्व निभाता था।
समय के साथ सड़कों और हवाई मार्गों के विकास के कारण इसकी हिस्सेदारी घटकर क्रमशः 15% और 30% रह गई।
फिर भी, आज भी रेलवे सबसे सस्ता, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल (Eco-Friendly) सार्वजनिक परिवहन माध्यम है।

6. रेलवे बजट का पहला सीधा प्रसारण (Live Telecast)

रेलवे बजट का पहला सीधा प्रसारण (Live Telecast) 24 मार्च 1994 को दूरदर्शन (Doordarshan) पर किया गया।
यह उस समय एक ऐतिहासिक कदम था, क्योंकि पहली बार आम जनता ने अपने टीवी पर रेल बजट की कार्यवाही देखी। यह पारदर्शिता (Transparency) और लोकतांत्रिक भागीदारी की दिशा में बड़ा कदम था।

7. लालू प्रसाद यादव – सबसे लंबे कार्यकाल वाले रेल मंत्री

लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक लगातार छह बार रेल बजट प्रस्तुत करने वाले मंत्री रहे।
उनके कार्यकाल में रेलवे ने बिना किराया बढ़ाए (No Fare Hike) लाभ (Profit) कमाने का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने “Garib Rath Express” जैसी ट्रेनों की शुरुआत की, जो सामान्य जनता को सस्ती AC यात्रा का विकल्प देती हैं।

8. पहली महिला रेल मंत्री – ममता बनर्जी

ममता बनर्जी वर्ष 2000 में भारत की पहली महिला रेल मंत्री बनीं।
उन्होंने यात्री सुविधाओं, सुरक्षा और नई सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया।
ममता बनर्जी ही एकमात्र महिला हैं जिन्होंने दो अलग-अलग सरकारों (NDA और UPA) के कार्यकाल में रेल बजट प्रस्तुत किया।

9. भारत की सबसे तेज़ ट्रेन – वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express)

भारतीय रेल की आधुनिकता का प्रतीक वंदे भारत एक्सप्रेस है, जिसने 160 किमी/घंटा की गति से ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे किए हैं।
यह पूर्णतः “Make in India” परियोजना के तहत बना सेमी-हाई स्पीड ट्रेन सेट है।
इसमें स्वचालित दरवाज़े (Automatic Doors), जीपीएस-आधारित यात्री सूचना प्रणाली (GPS-Based Information System), और आधुनिक सुरक्षा सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

10. सबसे तेज़ और सबसे धीमी ट्रेनें

वर्तमान में नई दिल्ली–भोपाल शताब्दी एक्सप्रेस भारतीय रेल की सबसे तेज़ पारंपरिक ट्रेन है, जो 150 किमी/घंटा की गति प्राप्त करती है।
वहीं, मेट्टूपालयम–ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन केवल 10 किमी/घंटा की औसत गति से चलती है।
हालाँकि यह सबसे धीमी ट्रेन है, फिर भी अपने मनमोहक पर्वतीय दृश्य (Scenic Route) और यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा पाने के कारण अत्यंत प्रसिद्ध है।

11. विश्व की सबसे बड़ी सिग्नलिंग प्रणाली (Route Relay Interlocking System)

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास विश्व की सबसे बड़ी मार्ग रिले इंटरलॉकिंग प्रणाली (Route Relay Interlocking System) है।
यह प्रणाली एक साथ अनेक ट्रेनों के आवागमन को नियंत्रित करती है और दुर्घटनाओं से बचाव में अहम भूमिका निभाती है।
गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (Guinness Book of World Records) में इसका नाम दर्ज है।

12. विशाल कार्यबल – विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा नियोक्ता (Employer)

भारतीय रेल में 14 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जिससे यह दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा नियोक्ता है।
यह केवल प्रत्यक्ष रूप से नहीं, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी लाखों लोगों को रोज़गार देता है — जैसे ठेकेदार, सफाईकर्मी, खानपान आपूर्तिकर्ता और पर्यटन से जुड़े लोग।
रेलवे अपने कर्मचारियों को आवास, शिक्षा, चिकित्सा और सुरक्षा जैसी सामाजिक सुविधाएँ भी प्रदान करता है।

13. विश्व का सबसे ऊँचा रेल पुल – चिनाब ब्रिज (Chenab Bridge)

भारतीय रेल की सबसे गौरवशाली परियोजनाओं में से एक है चिनाब रेल ब्रिज, जो जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में स्थित है।
यह पुल 359 मीटर ऊँचा है — जो एफ़िल टॉवर (Eiffel Tower) से भी लगभग 35 मीटर अधिक ऊँचा है।
यह पुल उधमपुर–श्रीनगर–बारामूला रेल लिंक (USBRL Project) का हिस्सा है और इसे Arch Bridge Technology से बनाया गया है।
यह केवल इंजीनियरिंग का चमत्कार नहीं, बल्कि भारत की भौगोलिक कठिनाइयों पर विजय का प्रतीक भी है।

14. सबसे लंबी रेल सुरंग – पीर पंजाल टनल (Pir Panjal Tunnel)

पीर पंजाल टनल, जिसे बनिहाल रेल सुरंग (Banihal Rail Tunnel) भी कहा जाता है, भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग है।
इसकी लंबाई 11.2 किलोमीटर है और यह जम्मू से श्रीनगर के बीच स्थित है।
यह सुरंग अत्यंत ठंडे और कठिन इलाक़े में स्थित होने के बावजूद, रेल इंजीनियरिंग (Rail Engineering) की उत्कृष्ट मिसाल है।
टनल में अत्याधुनिक वेंटिलेशन, फायर सेफ्टी और ड्रेनेज सिस्टम लगाए गए हैं।

15. भारत की सबसे लंबी ट्रेन यात्रा – विवेक एक्सप्रेस (Vivek Express)

भारत की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेन है डिब्रूगढ़–कन्याकुमारी विवेक एक्सप्रेस
यह 4,273 किलोमीटर की यात्रा 82 घंटे 30 मिनट में पूरी करती है और 8 राज्य पार करती है।
इस ट्रेन का नाम स्वामी विवेकानंद की स्मृति में रखा गया है।
यह यात्रा भारतीय रेल के व्यापक नेटवर्क और विविधता का अद्भुत उदाहरण है।

16. 100% विद्युतीकरण की दिशा में अग्रसर (Railway Electrification)

भारतीय रेल दुनिया का सबसे बड़ा विद्युतीकृत नेटवर्क (Electrified Network) बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
2023 तक 90% से अधिक नेटवर्क विद्युतीकृत हो चुका है, और लक्ष्य है कि 2025 तक 100% विद्युतीकरण (Complete Electrification) हासिल कर लिया जाए।
इससे न केवल डीज़ल पर निर्भरता घटेगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) में भी भारी कमी आएगी।
यह पहल भारत के नेट ज़ीरो (Net Zero) लक्ष्य में सीधा योगदान देती है।

17. डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Dedicated Freight Corridor – DFC)

भारतीय रेल ने माल परिवहन दक्षता बढ़ाने के लिए दो प्रमुख कॉरिडोर बनाए हैं —

  • पूर्वी समर्पित माल गलियारा (Eastern DFC) – लुधियाना से दनकुनी तक

  • पश्चिमी समर्पित माल गलियारा (Western DFC) – दादरी से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (JNPT) तक।
    इन कॉरिडोरों पर केवल मालगाड़ियाँ चलेंगी, जिससे यात्री ट्रेनों के लिए मुख्य ट्रैकों पर दबाव कम होगा और गति व समयबद्धता (Punctuality) दोनों बढ़ेंगे।

18. रेलवे की ग्रीन पहल (Green Initiatives)

भारतीय रेल दुनिया का पहला “ग्रीन रेल नेटवर्क” बनने की दिशा में अग्रसर है।
रेलवे ने सौर ऊर्जा (Solar Energy) और पवन ऊर्जा (Wind Energy) को अपनाना शुरू किया है।
कई स्टेशनों — जैसे ग्वालियर, नई दिल्ली, भोपाल, और सूरत — पर सोलर पैनल लगाए गए हैं।
रेलवे के डीजल इंजन वर्कशॉप्स को भी सौर ऊर्जा से चलाने की पहल हो रही है।
लक्ष्य है कि 2030 तक भारतीय रेल पूर्णतः “नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जक (Net Zero Carbon Emitter)” बन जाए।

19. भारत का सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन – हावड़ा (Howrah Junction)

हावड़ा जंक्शन, कोलकाता के पास स्थित, भारत का सबसे व्यस्त स्टेशन है।
यहाँ से रोज़ाना लगभग 600 ट्रेनें चलती हैं और 10 लाख से अधिक यात्री रोज़ गुजरते हैं।
यह स्टेशन 23 प्लेटफॉर्मों वाला है, जिनमें से 16 लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए हैं।
यह स्टेशन 1854 में शुरू हुआ था और आज भी भारत की रेल धड़कन कहा जाता है।

20. सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म – गोरखपुर (Gorakhpur Junction)

गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म है, जिसकी लंबाई 1,366 मीटर है।
यह रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
इससे पहले यह रिकॉर्ड खड़गपुर (Kharagpur Junction) के नाम था।
गोरखपुर न केवल उत्तर भारत का प्रमुख जंक्शन है, बल्कि नेपाल सीमा से जुड़ने वाला महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग भी है।

21. रेलवे का स्वचालित टिकटिंग सिस्टम (Automatic Ticketing System – UTS)

भारतीय रेल ने यात्रियों की सुविधा के लिए यूनिफाइड टिकटिंग सिस्टम (UTS App) विकसित किया है, जिसके माध्यम से यात्री अपने मोबाइल से ही अनारक्षित टिकट (Unreserved Ticket) बुक कर सकते हैं।
यह प्रणाली पेपरलेस ट्रैवलिंग (Paperless Travelling) को बढ़ावा देती है और डिजिटल इंडिया मिशन का हिस्सा है।
साथ ही, IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप से आरक्षित टिकट (Reserved Ticket) बुकिंग विश्व की सबसे बड़ी ऑनलाइन बुकिंग सेवाओं में से एक है।

22. वर्ल्ड हेरिटेज रेलवे रूट्स (World Heritage Railway Routes)

भारत में तीन रेल मार्गों को यूनेस्को विश्व धरोहर (UNESCO World Heritage) का दर्जा मिला है —

  1. दराजिलिंग हिमालयन रेलवे (Darjeeling Himalayan Railway)

  2. नीलगिरी माउंटेन रेलवे (Nilgiri Mountain Railway)

  3. कालका–शिमला रेलवे (Kalka–Shimla Railway)
    इन सभी मार्गों में पर्वतीय इंजीनियरिंग के उत्कृष्ट उदाहरण देखने को मिलते हैं।
    यह मार्ग न केवल पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा देते हैं, बल्कि भारतीय रेल की ऐतिहासिक विरासत (Railway Heritage) का प्रतिनिधित्व करते हैं।

23. भारत की सबसे लंबी मालगाड़ी – सुपर वासुकी (Super Vasuki)

“सुपर वासुकी”, भारतीय रेल की अब तक की सबसे लंबी मालगाड़ी है, जिसकी लंबाई 3.5 किलोमीटर से अधिक है।
यह पाँच मालगाड़ियों को जोड़कर बनाई गई और एक बार में 27,000 टन कोयला ले जाने की क्षमता रखती है।
इस ट्रेन का संचालन अज़ानी ट्रैक्शन (Electric Traction) से किया गया, जो दर्शाता है कि भारत भारी माल परिवहन में नई ऊँचाइयाँ छू रहा है।

24. रेलवे के स्वयं के पुलिस बल – RPF (Railway Protection Force)

रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force – RPF) भारतीय रेल की अपनी सशस्त्र पुलिस इकाई है, जो यात्रियों, स्टेशनों, और संपत्ति की सुरक्षा करती है।
यह 1957 में गठित हुआ और बाद में इसे केंद्रीय सशस्त्र बल (Central Armed Force) का दर्जा दिया गया।
RPF “सेवा ही संकल्प (Service and Dedication)” के आदर्श वाक्य के साथ कार्य करता है।

25. भारत का पहला समुद्री रेल पुल – पाम्बन ब्रिज (Pamban Bridge)

पाम्बन ब्रिज, तमिलनाडु में रामेश्वरम को मुख्यभूमि से जोड़ता है और भारत का पहला सी-क्रॉसिंग रेलवे पुल (Sea Crossing Railway Bridge) है।
यह पुल 1914 में खोला गया और इसकी खासियत है कि यह स्विंग ब्रिज (Swing Bridge) तकनीक से बनाया गया है।
इसकी सहायता से रेलगाड़ियाँ समुद्र के ऊपर से सुरक्षित रूप से गुजर सकती हैं, और यह आज भी भारतीय रेल इंजीनियरिंग का गौरवशाली उदाहरण है।

26. भारत का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन – घुम स्टेशन (Ghum Station)

घुम स्टेशन, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे में स्थित, भारत का सबसे ऊँचा स्टेशन है — 2,257 मीटर की ऊँचाई पर।
यह स्टेशन केवल एक यात्री स्टेशन नहीं, बल्कि पर्यटकों के लिए एक आकर्षण (Tourist Attraction) भी है, जहाँ से हिमालय के अद्भुत दृश्य देखे जा सकते हैं।
यह स्टेशन यूनेस्को विश्व धरोहर (UNESCO World Heritage Site) का हिस्सा भी है।

27. भारत की पहली भूमिगत रेलवे – कोलकाता मेट्रो (Kolkata Metro)

कोलकाता मेट्रो (Kolkata Metro), वर्ष 1984 में स्थापित, भारत की पहली भूमिगत रेलवे प्रणाली (Underground Metro) थी।
इसने दिल्ली मेट्रो और अन्य मेट्रो परियोजनाओं के लिए मार्गदर्शन और तकनीकी मानक स्थापित किए।
कोलकाता मेट्रो आज भी शहर के लाखों लोगों के लिए जीवन रेखा (Lifeline) बनी हुई है।

28. पहला रेलवे अस्पताल – हावड़ा (Howrah)

भारतीय रेल ने अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों की स्वास्थ्य सेवा के लिए हावड़ा में 1860 के दशक में पहला रेलवे अस्पताल (Railway Hospital) स्थापित किया।
आज रेलवे का स्वास्थ्य नेटवर्क (Healthcare Network) पूरे भारत में फैला हुआ है और इसमें आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ, आपातकालीन सेवा और कर्मचारी कल्याण शामिल हैं।

29. भारत का सबसे बड़ा रेलवे कॉलोनी – खड़गपुर (Kharagpur)

खड़गपुर रेलवे कॉलोनी भारत की सबसे बड़ी रेलवे कॉलोनी है, जहाँ हजारों कर्मचारी और उनके परिवार रहते हैं।
यह कॉलोनी स्टाफ़ के लिए आवास (Housing), स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, खेल और सांस्कृतिक सुविधाएँ प्रदान करती है।
कॉलोनी के कारण यह क्षेत्र न केवल रेलवे कार्य का केंद्र है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था (Local Economy) का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।

30. स्वच्छतम रेलवे स्टेशन (Cleanest Stations)

स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत (Swachh Rail, Swachh Bharat Survey 2023) के अनुसार विशाखापत्तनम (Visakhapatnam) और सेकंडराबाद (Secunderabad) को भारत के सबसे स्वच्छ रेलवे स्टेशनों में शामिल किया गया।
रेलवे ने प्लास्टिक-मुक्त (Plastic-Free) पहल, जल प्रबंधन (Water Management) और स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट (Smart Waste Management) तकनीक को अपनाया।

31. डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन (Double-Stack Container Train)

भारतीय रेल दुनिया की सबसे ऊँची डबल स्टैक कंटेनर ट्रेन (Double-Stack Container Trains) चलाती है, विशेष रूप से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (Dedicated Freight Corridor – DFC) पर।
इन ट्रेनों की मदद से एक बार में ज्यादा मात्रा में कंटेनर ले जाया जा सकता है, जिससे परिवहन लागत और समय दोनों में भारी बचत होती है।

32. हेरिटेज “टॉय ट्रेन” (Heritage Toy Trains)

भारत की पर्वतीय रेलगाड़ियाँ — जैसे दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, कालका-शिमला रेलवे, मथेरान रेलवे और नीलगिरी माउंटेन रेलवे — अभी भी स्टीम इंजन (Steam Engines) और विशेष पहाड़ी ट्रैक पर चलती हैं।
ये ट्रेने यूनेस्को की विश्व धरोहर (World Heritage) में शामिल हैं और पर्यटकों के लिए अनोखा अनुभव (Unique Experience) प्रदान करती हैं।

33. महाराजा एक्सप्रेस – भारत की लक्ज़री ट्रेन (Luxury Train)

महाराजा एक्सप्रेस (Maharajas’ Express) भारत की सबसे शानदार और विश्व स्तर की लक्ज़री ट्रेन है।
यह यात्रा शाही कोच (Royal Coaches), भव्य भोजन (Fine Dining) और थीम्ड पर्यटन (Themed Journeys) प्रदान करती है।
इसके माध्यम से पर्यटक भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों का विलक्षण अनुभव प्राप्त करते हैं।

34. सौर ऊर्जा से चलने वाली ट्रेन (Solar-Powered Train)

भारतीय रेल ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सोलर-चालित DEMU ट्रेन (Solar-Powered DEMU Train) शुरू की है।
इसमें छत पर सौर पैनल लगे हैं जो बिजली (Electricity) पैदा करते हैं, जिससे डीज़ल की खपत घटती है और कार्बन उत्सर्जन कम होता है।
यह पहल भारत की ग्रीन रेल (Green Rail Initiative) का हिस्सा है।

35. राष्ट्रीय रेल संग्रहालय (National Rail Museum, New Delhi)

राष्ट्रीय रेल संग्रहालय, नई दिल्ली का उद्घाटन 1977 में हुआ।
यहाँ पर 100 से अधिक पुरानी रेलगाड़ियाँ, स्टीम इंजन, शाही कोच और ऐतिहासिक रेल उपकरण संग्रहित हैं।
म्यूज़ियम छात्रों, शोधकर्ताओं और पर्यटकों के लिए शैक्षिक और पर्यटन स्थल (Educational & Tourism Site) दोनों का कार्य करता है।
यह भारतीय रेल के गौरवशाली इतिहास और तकनीकी उपलब्धियों को दर्शाने का प्रमुख केंद्र है।

 निष्कर्ष (Conclusion)

भारतीय रेल केवल यातायात का माध्यम नहीं है, बल्कि यह देश की आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर (Economic, Cultural & Social Heritage) का भी प्रतीक है।
1853 से लेकर 2025 तक, रेलवे ने तकनीकी नवाचार, हरित ऊर्जा (Green Energy) पहल, और यात्रियों की सुविधा में लगातार प्रगति की है।
इन 35 तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय रेल केवल भारत की रगों में बहता एक नेटवर्क नहीं, बल्कि देश की आत्मा का एक अभिन्न हिस्सा है।

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