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RAIL NEWS CENTER

Oct 16, 2025

RBE 108-2025 - Grant of Dearness Allowance to Railway employees Rates effective from 01.07.2025. Revised


Railway & Railway Board's Circulars & Orders : RBE 108-2025 - Grant of Dearness Allowance to Rail...
:

GOVERNMENT OF INDIA (भारत सरकार)
Ministry of Railways (रेल मंत्रालय)
Railway Board (रेलवे बोर्ड)


PC-VII No.- 230
RBE No: 108/2025

File No. PC-VII/2016/1/7/2/1

New Delhi, dated: 16.10.2025

The General Manager/CAOs(R),

All India Railways & Production Units, (As per mailing list)


Sub: Grant of Dearness Allowance to Railway employees Rates effective from 01.07.2025. Revised

दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट बंद, मोबाइल एप और ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन से भी नहीं मिलेगा

हर त्योहार समय यात्री चक्र अधिक सक्रिय हो जाता है, और रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ रहती है। इसी को देखते हुए भारतीय रेलवे ने दिल्ली के प्रमुख स्टेशनों पर 15 अक्टूबर से 28 अक्टूबर तक प्लेटफार्म टिकट की बिक्री बंद करने का फैसला किया है। यह कदम भीड़ नियंत्रण एवं यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

किन स्टेशनों पर लागू होगा?

इस नीति का असर निम्नलिखित स्टेशनों पर होगा:

  • नई दिल्ली (New Delhi)

  • पुरानी दिल्ली (Old Delhi)

  • हजरत निजामुद्दीन (Hazrat Nizamuddin)

  • आनंद विहार टर्मिनल (Anand Vihar Terminal)

  • गाजियाबाद (Ghaziabad)

इन स्टेशनों पर न सिर्फ टिकट काउंटरों पर, बल्कि मोबाइल एप और ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीन (ATVM) से भी प्लेटफार्म टिकट नहीं बेचे जाएंगे।

क्यों लिया गया यह कदम?

  1. भीड़ प्रबंधन
    त्योहार के समय यात्रियों की संख्या अचानक बढ़ जाती है। यदि प्लेटफार्म टिकट खरीदे जाने की सुविधा बनी रहती है, तो यात्री और उनका साथ आने वाला कोई व्यक्ति प्लेटफार्म पर आ जाते हैं, जिससे भीड़ और खतरनाक स्थिति बन सकती है।

  2. सुरक्षा एवं नियंत्रण
    प्लेटफार्म पर अतिरिक्त लोग आने से सुरक्षा व्यवस्था पर दबाव बढ़ता है — भीड़ नियंत्रण, विस्थापन आदि चुनौतियाँ बढ़ती हैं। इस प्रतिबंध से रेलवे प्रबंधन को नियंत्रण करना आसान रहेगा।

  3. व्यवस्था सुचारू करना
    केवल वे लोग प्लेटफार्म पर प्रवेश कर पाएँगे जिनका टिकट कन्फ़र्म है। इस तरह अनावश्यक प्रवेशों को रोका जाएगा और परिचालन बाधित नहीं होगा।

छूट — कौन होंगे लाभार्थी?

इस निर्णय के बावजूद, रेलवे ने कुछ छूटें प्रदान की हैं ताकि सबसे अधिक जरूरतमंद सफरियों को परेशानी न हो:

  • बुजुर्ग

  • महिलाएँ

  • अशिक्षित/अनपढ़

उपरोक्त लोगों को प्लेटफार्म टिकट की बिक्री बंदी के बावजूद संभवतः छूट मिलेगी, ताकि उन्हें स्टेशन तक पहुँचने में सुविधा हो सके।

इस नियम का प्रत्यक्ष प्रभाव

  • केवल पक्के टिकट धारक यात्री प्लेटफार्म पर प्रवेश कर सकेंगे।

  • यात्रियों के परिचित या सहयोगी, जो साथ आने चाहें, उन्हें प्लेटफार्म पर नहीं आना पड़ेगा।

  • सुरक्षा बल, स्टेशन स्टाफ और यात्रीगण सभी को ऐसे समय में दूरी एवं दिशा निर्देशों का खास ध्यान रखना होगा।

  • “अनधिकृत प्रवेश” या शिकायत की स्थिति कम हो सकती है क्योंकि नियम पहले से स्पष्ट हो गया है।

सुझाव यात्रियों के लिए

  • यदि आपको प्लेटफार्म पर किसी को मिलना है, तो उस समय को ध्यान में रखें — 15 से 28 अक्टूबर के बीच अनुमति नहीं मिलेगी।

  • आपको स्टेशन तक पहुँचने या बाहर किसी को छोड़ने की योजना हो, तो प्रस्थान और आगमन समय की व्यवस्था पहले से कर लें।

  • बुजुर्ग या विशेष सहायतार्थ व्यक्ति हैं तो रेलवे सहायता केंद्र या स्टेशन प्रबंधन से पहले जानकारी लें।

  • सुरक्षा नियमों एवं व्यवस्था का सहयोग करें, क्योंकि यह कदम आपके ही हित में लिया गया है।

निष्कर्ष

दिल्ली के रेलवे स्टेशनों पर प्लेटफार्म टिकट की बिक्री को बंद करना एक असामान्य, पर संगठित कदम है। यह निर्णय भीड़ नियंत्रण, यात्रियों की सुरक्षा और परिचालन सुचारूता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है। त्योहार के दौरान यह कदम भ्रम, अव्यवस्था और अनियंत्रित भीड़ से बचाव का प्रयास है।

Oct 14, 2025

रेल यात्रा में प्रतिबंधित वस्तुएँ — जानें जुर्माना और दंड

रेलवे ने यात्रियों को एक कठोर चेतावनी जारी की है — यदि आप यात्रा के दौरान ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री साथ ले जाते पाए जाते हैं, तो आपको जुर्माना या कैद का सामना करना पड़ सकता है।

🔥 किन वस्तुओं पर है प्रतिबंध?

दीपावली जैसे त्योहारों के दौरान अक्सर देखा जाता है कि लोग पटाखे, गैस सिलेंडर, पेट्रोल, केरोसिन, लाइटर, स्टोव, माचिस, आदि लेकर यात्रा करते हैं। लेकिन रेलवे ने स्पष्ट किया है कि ये सभी सामग्री रेल यात्रा में प्रतिबंधित हैं। ऐसी कोई भी छोटी चिंगारी भी खतरनाक घटनाओं का कारण बन सकती है।

कानून क्या कहता है?

रेलवे अधिनियम, 1989 की निम्नलिखित धाराएँ लागू होती हैं:

  • धारा 67

  • धारा 164

  • धारा 165

इन धाराओं के अनुसार, यदि कोई यात्री ज्वलनशील या विस्फोटक सामग्री लेकर चलता पाया जाता है, तो उस पर 1,000 रुपए तक का जुर्माना, 3 वर्ष तक की कैद, या दोनों दंड हो सकते हैं।

रेलवे की तैयारी और चेतावनी

  • सभी रेल डिब्बों में चेतनाप्रद स्टीकर लगाए गए हैं, जिनमें नियमों और दंड का उल्लेख है।

  • उत्तर पश्चिम रेलवे ने कहा है कि वह सार्वजनिक सुरक्षा और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने हेतु लगातार मॉनिटरिंग कर रही है।

  • यात्रियों से निवेदन है कि वे किसी भी ज्वलनशील या विस्फोटक वस्तु को लेकर यात्रा न करें।


🛡 यात्रियों को क्या ध्यान रखना चाहिए?

  1. यात्रा से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके साथ कोई विस्फोटक या ज्वलनशील सामग्री नहीं है।

  2. यदि आप किसी अनजान सामग्री को लेकर संदेह में हैं, तो रेलवे कर्मचारियों से पूछ लें।

  3. ऐसे आयोजन या त्यौहारों के समय यात्रा की योजना बनाते समय इन नियमों को विशेष ध्यान में रखें।

“स्पेशल ट्रेनों की देरी: अब जवाबदेही तय होगी”

परिचय

त्योहारों के सीज़न में यात्रियों की उम्मीदें बढ़ जाती हैं — समय पर गंतव्य पहुँचना उनकी प्राथमिकता होती है। लेकिन जब स्पेशल ट्रेनें देर हों, तो न सिर्फ यात्रियों को परेशानी होती है, बल्कि रेलवे की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न उठते हैं। पटना रेलवे प्रशासन ने इस समस्या को नजरअंदाज नहीं किया है। उन्होंने दानापुर मंडल में निगरानी बढ़ाने और देरी के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने का फैसला लिया है।


1. समस्या की मूल रूपरेखा

  • वर्तमान में 110 से अधिक जोड़ी स्पेशल ट्रेनें दानापुर मंडल से चलाई जा रही हैं, जिनमें से कई 2–3 घंटे लेट चलती हैं। 

  • देर होने की वजह से यात्रियों की नाराज़गी बढ़ रही है, और अक्सर नियमित ट्रेनों में भीड़ अधिक हो जाती है।

  • कई बार ट्रेन को अनावश्यक देर से किसी स्टेशन पर रोका जाना या प्राथमिकता न मिलने की शिकायतें सामने आती हैं।


2. नए प्रावधान और निगरानी उपाय

  • दानापुर मंडल के कंट्रोल रूम से हर एक स्पेशल ट्रेन की गतिविधि मॉनिटर की जाएगी। 

  • यदि कोई स्पेशल ट्रेन बिना उचित कारण देर हो जाती है, तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। 

  • पूर्व-मध्य रेल (ECR) मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि दानापुर मंडल रोज़ाना अपनी रिपोर्ट भेजे। 

  • रेलवे परिचालन विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्पेशल ट्रेनों को अनावश्यक रूप से किसी स्टेशन पर न रोका जाए। 


3. पक्ष और चुनौतियाँ

✅ संभावित लाभ

  • समयपालन (punctuality) बेहतर होगी, जिससे यात्रियों का भरोसा बढ़ेगा।

  • रेलवे प्रशासन की जवाबदेही तय होने से काम में सुधार आ सकता है।

  • रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग से ट्रेनों की देरी पर त्वरित कार्रवाई संभव होगी।

⚠️ चुनौतियाँ

  • रेलवे नेटवर्क बहुत बड़ा है — सभी ट्रेनों पर नियंत्रण करना कठिन होगा।

  • इंफ्रास्ट्रक्चर, ट्रैक जाम और सीमित संसाधन जैसे कारण अक्सर देरी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, जिनका समाधान तत्काल नहीं हो सकता।

  • स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को दबाव और भ्रष्टाचार की चुनौतियों से निपटना होगा।


4. यात्रियों का दृष्टिकोण

  • यदि देरी का कारण अव्यवस्था या अन्य व्यावसायिक कारण हो, यात्रियों को उचित सूचना दी जानी चाहिए।

  • अनुसाराधिकार (compensation) की स्पष्ट नीति होनी चाहिए — जैसे देर से पहुँचने पर टिकट वापसी या मुआवजा।

  • यात्रियों को शिकायत करने का सरल और पारदर्शी माध्यम उपलब्ध होना चाहिए।


5. निष्कर्ष एवं सुझाव

रेलवे में जवाबदेही और निगरानी बढ़ाना एक सकारात्मक कदम है। लेकिन यह तभी सफल हो सकता है यदि यह सिर्फ ‘आदेशों’ तक सीमित न रहे, बल्कि उन्हें लागू करने, निरीक्षण करने और समस्याओं का समाधान करने की व्यवस्था भी हो।

सुझाव:

  • ट्रेनों की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और सूचना प्रणाली को मजबूत करना।

  • देरी के कारणों की जमीनी जांच करना और उनका मूल (root cause) दूर करना।

  • यात्रियों की आवाज़ सुनने और शिकायत समाधान प्रणाली को सक्रिय बनाना।

  • समय-समय पर समीक्षा करना और सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करना।

आखिर में, यात्रा केवल गंतव्य की ओर बढ़ने का माध्यम नहीं है, बल्कि वह अनुभव है — और वह अनुभव तभी बेहतर होगा जब समय पर सेवा मिले और जवाबदेही हो।

सभी स्टेशनों पर सुविधाओं के साथ बने ड्यूटी रूम एवं ऑटो सेक्शन के गुमटी हट


पटना: दिनांक 3 अक्टूबर, 2025 को इंडियन रेलवे सिगनल एवं टेलिकॉम मैंटेनर्स युनियन (IRSTMU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार ने PCSTE मैडम श्रीमती सविता गेडम से मुलाकात कर सिगनल एवं टेलिकॉम विभाग के कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं से संबंधित ज्ञापन सौंपा

नवीन जी ने सिगनल एवं टेलिकॉम कर्मचारियों को पर्याप्त ट्रेनिंग दिए जाने की बात करते हुए PCSTE मैडम ने आश्वासन दिया कि STTC, दानापुर को और भी ज्यादा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है साथ ही सभी सिगनल एवं टेलिकॉम कर्मचारियों सहायकों को भी पर्याप्त एवं समयबद्ध ट्रेनिंग की व्यवस्था की जा रही है।

CSTE/Works श्री प्रमोद कुमार से मुलाकात कर राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन जी ने सभी ई.एस.एम. ड्यूटी रूम में

ट्वायलेट - बाथरूम जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग कर सिगनल इंजीनियरिंग मैनुअल में ही ड्यूटी रूम के डायग्राम में प्रावधान किए जाने की मांग की।

ड्यूटी रुम की समस्या को तत्काल अपने संज्ञान में लेते हुए CSTE/D&D श्री नीरज यादव सर ने पूर्व मध्य रेलवे के सभी मंडलों को तात्कालिक दिशानिर्देश जारी किए तथा कहा कि जहां नहीं है वहां जल्द से जल्द लगाया जाए तथा जहां है वहां सभी सुविधाओं को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।

श्री राकेश रंजन CSE I ECR सर ने सहायकों को ट्रेनिंग दिया जाना उनकी प्राथमिकता है इसके अलावा सभी सिगनल एवं टेलिकॉम कर्मचारियों कवच की ट्रेनिंग मुख्य प्राथमिकता है।

श्री रंजीत कुमार श्रीवास्तव CSE II ECR सर ने IRSTMU को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सिगनल एवं टेलिकॉम विभाग में एक मजबूत युनियन के तौर पर IRSTMU को खड़ा करना सभी सिगनल एवं टेलिकॉम कर्मचारियों की जिम्मेदारी और आज़ के माहौल में आवश्यकता बन गई है। यह अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक हो गया है।

Oct 11, 2025

जानिए रेलवे से जुड़े 45 फैक्ट

 

1. इतिहास और शुरुआत

भारत में ट्रेन का इतिहास 168 साल से अधिक पुराना है। पहली ट्रेन 16 अप्रैल 1853 को मुंबई से ठाणे के बीच चली थी। यह यात्रा 34 किलोमीटर लंबी थी और इसमें लगभग 400 यात्री सवार थे।

2. भारतीय रेलवे की अहमियत

भारतीय रेलवे देश की सबसे बड़ी परिवहन सेवाओं में से एक है और यह भारत सरकार के रेल मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होता है।

3. नेटवर्क का आकार

  • कुल पटरियों की लंबाई: लगभग 1.21 लाख किलोमीटर

  • रोज चलने वाली पैसेंजर ट्रेनें: लगभग 13,000

  • पूरे देश में रेलवे स्टेशन: 7,349

4. कर्मचारियों की संख्या

भारतीय रेलवे में लगभग 13 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। ये ट्रैक मेंटेनेंस, संचालन, स्टेशन प्रबंधन और प्रशासन में लगे हुए हैं।

5. विद्युतीकरण

देशभर में लगभग 49% रेलवे रूट विद्युतीकृत हो चुके हैं, जिससे ऊर्जा की बचत और यात्रा की गति बढ़ी है।

6. सबसे धीमी ट्रेन

Oct 10, 2025

दिवाली और छठ पर ट्रेन टिकटों की भारी किल्लत — दिल्ली, मुंबई और गुजरात से बिहार-यूपी जाने वालों के लिए मुश्किल सफर

 भारत में दिवाली और छठ पर्व की शुभ घड़ियाँ आते ही, लाखों लोग अपने घरों को लौटने की तैयारी में लग जाते हैं। जिसमें उत्तर प्रदेश और बिहार से जुड़े कई लोग, अपने गृहप्रदेशों में समय बिताने के लिए विशेष रेलखाते भूलते ही नहीं। लेकिन इस दौरान एक बड़ी समस्या हर साल ही सामने आती है — रेलवे टिकटों की भारी कमी।

1. क्यों होती है यह समस्या?

  • त्योहारों के समय रेलवे में यात्री संख्या में अचानक वृद्धि होती है।

  • अधिकांश लोग मिलने वाले रविवार, छुट्टी या लंबी छुट्टियों का लाभ उठाते हुए यात्रा करना चाहते हैं।

  • रेल मंत्रालय हर वर्ष कई अतिरिक्त (स्पेशल) ट्रेनें चलाता है, लेकिन वे अक्सर भीड़ के मुकाबले अपर्याप्त होती हैं।

  • नियमित (रेगुलर) ट्रेनों की कोचों एवं सीटों की संख्या सीमित होती है।

2. इस बार की स्थिति कैसी है?

  • दिल्ली, मुंबई और गुजरात से यूपी/बिहार आने वाली अधिकांश ट्रेनों में “नो रूम” की स्थिति बनी हुई है।

  • यहां तक कि वेटिंग टिकट भी नहीं मिल पा रहे हैं।

  • रेलवे ने लगभग 12,000 अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं, फिर भी भीड़ को काबू नहीं किया जा सका।

  • कई रेगुलर और स्पेशल ट्रेनों में 30 अक्टूबर तक “फुल” की स्थिति बनी रहने की संभावना जताई जा रही है। AajTak

3. प्रभावित रूट और नामी ट्रेनें

  • दिल्ली–पटना मार्ग पर महानंदा एक्सप्रेस, अमृत भारत एक्सप्रेस, दानापुर फेस्टिवल स्पेशल आदि ट्रेनों में टिकट नहीं मिल रहे हैं।

  • मुंबई–पटना रूट पर पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, एलटीटी-दानापुर स्पेशल, लोकमान्य तिलक गुवाहाटी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में “नो रूम” की स्थिति है।

  • गुजरात (सूरत, अहमदाबाद आदि) से पटना आने वाली ट्रेनों में भी हालात गंभीर हैं। 

4. यात्रियों के लिए सुझाव

  • यात्रा की योजना अग्रिम रूप से बनाएं और टिकट खुलते ही बुक करें।

  • यदि नियमित ट्रेनें न मिलें, तो स्पेशल ट्रेनों की बुकिंग पर नजर रखें।

  • फ्लेक्सिबल तारीखों पर यात्रा करें (अगर संभव हो तो पर्व से 1-2 दिन पहले या बाद की तिथि चुनें)।

  • वैकल्पिक मार्गों (बस, राज्य परिवहन) या घरेलू उड़ानों की भी जांच करें।

  • साझा या मंडलीय यात्रा (छात्र गेस्टहाउस, साझा वाहन) विकल्पों पर विचार करें।

5. निष्कर्ष

दिवाली और छठ जैसे त्यौहारों पर घर लौटने का जुनून लोगों में बहुत अधिक होता है। इसके बावजूद रेलवे संसाधन सीमित हैं, जिससे टिकट की भारी समस्या होती है। हालांकि रेलवे द्वारा चलाए जाने वाले अतिरिक्त स्पेशल ट्रेन प्रयास तो हैं, लेकिन उन्हें यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करना कठिन है। यदि हम पहले से सही योजना बनाएं तथा वैकल्पिक विकल्पों को देखें, तो इस समस्या का सामना बेहतर तरीके से किया जा सकता है।

35 interesting facts about India Railways

1. भारतीय रेल की ऐतिहासिक शुरुआत (16 अप्रैल 1853)

भारत में रेल सेवा की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई, जब देश की पहली यात्री ट्रेन बोरी बंदर (वर्तमान छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, मुंबई) से ठाणे के बीच चली। यह लगभग 33.6 किलोमीटर की दूरी तय करती थी। इस ट्रेन को तीन भाप इंजन — Sahib, Sindh और Sultan — खींच रहे थे। इसमें 14 डिब्बे थे, जिनमें लगभग 400 यात्री सवार थे। यह घटना इतनी ऐतिहासिक थी कि उस दिन बंबई में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था। यही यात्रा आगे चलकर भारत के आर्थिक और औद्योगिक विकास का आधार बनी।

2. एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क

1951 में राष्ट्रीयकरण (Nationalisation) के बाद से भारतीय रेल (Indian Railways) आज एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एकल प्रबंधन वाला नेटवर्क बन चुका है।
यह लगभग 65,000 मार्ग किलोमीटर (Route km) और 1,15,000 ट्रैक किलोमीटर (Track km) पर फैला है। प्रतिदिन लगभग 12,600 यात्री ट्रेनें चलती हैं, जो 7,172 स्टेशनों को जोड़ती हैं।
हर दिन लगभग 2.3 करोड़ यात्री यात्रा करते हैं — यानी भारत प्रतिदिन ऑस्ट्रेलिया की पूरी जनसंख्या को रेल द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाता है।

Oct 8, 2025

अब बदल सकेंगे कंफर्म ट्रेन टिकट की तारीख! जनवरी से लागू होंगे भारतीय रेलवे के नए नियम

 🚆 अब बिना कैंसिल किए बदल सकेंगे ट्रेन टिकट की तारीख

भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए बड़ा बदलाव करने जा रहा है। जनवरी 2025 से यात्री अब बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपने कंफर्म ट्रेन टिकट की तारीख बदल सकेंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस सुविधा का उद्देश्य यात्रियों को यात्रा योजना बदलने पर राहत देना है।

🎟️ अब नहीं करनी होगी टिकट कैंसिल

अक्सर यात्रियों को यात्रा की तारीख बदलने पर टिकट कैंसिल कर नई टिकट बुक करनी पड़ती थी, जिससे कैंसिलेशन चार्ज देना पड़ता था और सीट मिलना भी मुश्किल हो जाता था। लेकिन अब टिकट की तिथि बदलने पर नई बुकिंग की आवश्यकता नहीं होगी। यात्री अपनी मौजूदा टिकट की तारीख को ऑनलाइन बदल सकेंगे।

💰 किराए का अंतर चुकाना होगा

रेल मंत्री ने स्पष्ट किया है कि नए नियम के तहत कंफर्म टिकट की गारंटी नहीं होगी, क्योंकि यह सीट की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। अगर नई तारीख पर टिकट का किराया अधिक होगा, तो यात्रियों को केवल किराए का अंतर देना होगा।

📅 जनवरी 2025 से लागू होंगे नियम

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यह नया नियम जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा। इससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी, खासकर उन लोगों को जिनकी यात्रा योजनाएं अचानक बदल जाती हैं।

📌 मौजूदा कैंसिलेशन पॉलिसी

वर्तमान नियमों के अनुसार —

  • ट्रेन के प्रस्थान से 48 से 12 घंटे पहले टिकट कैंसिल करने पर किराए का 25% शुल्क लगता है।

  • 12 से 4 घंटे पहले कैंसिल करने पर यह शुल्क और बढ़ जाता है।

  • चार्ट बनने के बाद टिकट कैंसिल करने पर कोई धनराशि वापस नहीं मिलती।

✅ नए नियम का फायदा

इस बदलाव से यात्रियों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि उन्हें फ्लेक्सिबल ट्रैवल प्लानिंग का लाभ भी मिलेगा। रेलवे का यह कदम यात्री सुविधा की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।

Oct 6, 2025

वैशाली एक्सप्रेस अब ललितग्राम तक – जानिए नई समय सारिणी और ट्रेन नंबर

रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी है। गोरखपुर से होकर गुजरने वाली प्रसिद्ध वैशाली एक्सप्रेस अब सहरसा की जगह ललितग्राम (सुपौल, बिहार) तक जाएगी। रेलवे प्रशासन ने इस सुपरफास्ट ट्रेन का रूट बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे सुपौल जिले के यात्रियों को अब दिल्ली तक सीधी रेल सेवा का लाभ मिलेगा।

🚆 नई जानकारी और ट्रेन नंबर

रेलवे के अनुसार, 7 दिसंबर 2025 से यह ट्रेन नए नंबर 15565 / 15566 से चलाई जाएगी। यह ट्रेन अब ललितग्राम–नई दिल्ली–ललितग्राम वैशाली एक्सप्रेस के नाम से जानी जाएगी।

🕒 नई समय-सारिणी

  • नई दिल्ली से प्रस्थान: रात 08:40 बजे

  • ललितग्राम पहुंचने का समय: अगले दिन सुबह 10:30 बजे

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