भारतीय रेलवे के लगभग 12 लाख से अधिक कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर आ रही है क्योंकि 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने से पहले ही रेलवे प्रबंधन वेतन वृद्धि की तैयारी में जुट गया है। यह कदम कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में संभावित बढ़ोतरी के प्रभाव को संतुलित करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
📌 8वें वेतन आयोग की वर्तमान स्थिति
8वां वेतन आयोग जनवरी 2025 में स्थापित किया गया था और इसके लिए 28 अक्टूबर 2025 को “टर्म्स ऑफ रेफरेंस” जारी किए गए। आयोग को अपनी सिफारिशें देने के लिए 18 महीने का समय मिला है, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि रिपोर्ट जनवरी 2026 से पहले तैयार हो जाएगी।
📈 रेलवे की तैयारी — वेतन बढ़ाने से पहले
रेलवे पिछले अनुभव से सीख लेकर पहले से ही अपनी आर्थिक तैयारियों पर काम कर रहा है, ताकि 8वें वेतन आयोग के लागू होते ही वेतन और पेंशन के बढ़े हुए खर्च को समायोजित किया जा सके। इसके लिए रेलवे:
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ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार कर रहा है
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माल ढुलाई (फ्रेट) से होने वाली कमाई बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है
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आंतरिक संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित कर रहा है
💰 वित्तीय स्थिति और बजट-वृद्धि
वितरण वर्ष 2024–25 में रेलवे का ऑपरेटिंग रेशियो लगभग 98.90% रहा और 2025–26 में नेट राजस्व लगभग 3,041.31 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। इससे रेलवे को वित्तीय मजबूती प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
रेलवे ने 2025–26 के लिए वेतन और पेंशन के लिए बजट भी बढ़ाया है — वेतन के लिए पहले के लगभग ₹1.17 लाख करोड़ के मुकाबले अब ₹1.28 लाख करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया गया है, साथ ही पेंशन के लिए भी अतिरिक्त धनराशि आवंटित की गई है।
📊 7वें वेतन आयोग का अनुभव
7वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों के वेतन में 14% से 26% तक की वृद्धि हुई थी, जिससे रेलवे का वेतन-पेंशन बोझ लगभग 22,000 करोड़ रुपये बढ़ गया था। अब 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद यह अतिरिक्त बोझ संभावित रूप से 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
📏 फिटमेंट फैक्टर और मांगें
✨ निष्कर्ष
8वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले ही रेलवे द्वारा की जा रही तैयारियाँ इस बात का संकेत हैं कि रेलवे कर्मचारियों को जल्द ही वेतन और पेंशन में लाभ मिल सकता है। रेलवे की वित्तीय रणनीति यह सुनिश्चित करेगी कि बढ़े हुए खर्च को प्रभावी ढंग से संभाला जा सके और कर्मचारियों को इसका सीधा फायदा मिले।


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