प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) — भारतीय रेलवे अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करते हुए ट्रेनों की जांच और निगरानी को अधिक सटीक तथा सुरक्षित बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इस पहल के तहत प्रयागराज जंक्शन के यार्ड में ट्रेनों का निरीक्षण अब पारंपरिक मानव-आधारित तरीके से हटकर हाई-टेक AI सिस्टम की मदद से होगा।
रेलवे के पुराने प्रणाली में यार्ड में रेलकर्मी ट्रेन के पहियों, एक्सल और अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों की मैनुअल जांच करते हैं तथा किसी समस्या के पाए जाने पर वॉकी-टॉकी के ज़रिए कंट्रोल रूम को सूचना भेजते हैं। नई योजना में इस काम को एआई-सक्षम कैमरों और सेंसर के ज़रिए किया जाएगा, जिससे रीयल-टाइम में डेटा विश्लेषण हो सकेगा और किसी भी असामान्य स्थिति का तुरंत पता चल जाएगा।
पहले चरण में प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल के यार्ड में यह तकनीक लागू की जाएगी। इसके बाद अन्य प्रमुख स्टेशनों जैसे आगरा, मथुरा, ग्वालियर, झांसी और टूंडला आदि के यार्डों में भी AI-आधारित निगरानी प्रणाली लगाई जाएगी। परियोजना के लिए उत्तर मध्य रेलवे ने लगभग एक करोड़ रुपये का बजट जारी किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि AI से चलने वाली निगरानी न सिर्फ निरीक्षण की गुणवत्ता बेहतर करेगी, बल्कि बारिश, रात या कठिन मौसम जैसी परिस्थितियों में भी जांच क्षमता को वस्तुतः बहुत अधिक सक्षम बनाएगी।
✅ मुख्य बिंदु
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प्रयागराज जंक्शन में ट्रेनों की AI-आधारित निगरानी और निरीक्षण प्रणाली विकसित की जा रही है।
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यह प्रणाली यार्ड में ही ट्रेन के पहियों, एक्सल आदि का रीयल-टाइम विश्लेषण करेगी।
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पारंपरिक मानव निरीक्षण की जगह अब एआई सक्षम कैमरों और सिग्नलिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा।
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परियोजना को पहले चरण में प्रयागराज और कानपुर के लिए लागू किया जाएगा, और बाद में अन्य बड़ी जंक्शनों में विस्तार किया जाएगा।

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